आजादी के अमृत महोत्सव के मौके पर ‘हर घर तिरंगा’ अभियान लोगों के सर चढ़कर बोल रहा है, एक तरफ जहां भाजपा ने पहले दिन में 31 हजार के कैश और 1 लाख 75 हजार का ऑर्डर लिया, वहीं देहरादून पोस्ट ऑफिस में भी पहले ही दिन 20 हजार से ज्यादा के तिरंगे लोगों ने खरीदे, वहीं हर घर तिरंगा अभियान को लेकर बाजारों में भी लोगों में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है।
जानिए तिरंगे का मूल्य
भारतीय जनता पार्टी ने उत्तराखंड में सोमवार को ‘हर घर तिरंगा’ अभियान की शुरुआत की थी, सोमवार से ही उत्तराखंड में भाजपा मुख्यालय पर राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे को लेकर आवंटन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, भारतीय जनता पार्टी द्वारा अपने कार्यकर्ताओं को यह तिरंगा निशुल्क नहीं बल्कि एक सामान्य शुल्क में उपलब्ध कराया जा रहा है। भारतीय जनता पार्टी ने घरों में लगने वाले इस तिरंगे का मूल्य ₹20 रखा है, वहीं अगर कोई कार्यकर्ता इसे डंडे सहित खरीदता है तो इसका मूल्य ₹25 होगा।
उत्तराखंड भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता विनोद सुयाल ने बताया कि इस अभियान को भाजपा बेहद गंभीरता के साथ चला रही है, उन्होंने बताया हर एक विधानसभा में 10 हजार तिरंगों का लक्ष्य रखा गया है, पूरे प्रदेश भर में मौजूद 20 लाख परिवारों में से कम से कम 10 लाख परिवारों के घरों पर तिरंगा भारतीय जनता पार्टी लगाने जा रही है।
घंटाघर मुख्य पोस्ट ऑफिस में एक दिन में ही खरीदें लोगों ने 1000 झंडे
देहरादून डाक विभाग में निदेशक डाक सेवाएं अनुसूया प्रसाद चमोला ने बताया कि उत्तराखंड में हर घर तिरंगा अभियान को लेकर डाक विभाग ने अपनी पूरी तैयारी कर ली है, प्रदेश में मौजूद 3600 डाकघरों में तिरंगा उपलब्ध करवाया जा रहा है, जहां पर कोई भी व्यक्ति मात्र ₹20 में तिरंगा प्राप्त कर सकता है।
इसके अलावा डायरेक्टर पोस्टल सर्विस अनुसूया प्रसाद चमोला ने बताया कि केंद्रीय डाक विभाग को हर घर तिरंगा अभियान को लेकर 2 करोड़ का लक्ष्य दिया गया है, जिसमें से उत्तराखंड के हिस्से में तकरीबन 3.5 लाख तिरंगे का लक्ष्य प्राप्त हुआ है, उन्होंने बताया पहले दिन ही उनके देहरादून घंटाघर मौजूद मुख्य पोस्ट ऑफिस पर 1000 से झंडे लोगों ने खरीद लिए हैं।
तिरंगा अभियान केवल सरकार का या फिर भाजपा का नहीं
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने बताया तिरंगा अभियान केवल सरकार का या फिर भाजपा का नहीं है यह सभी भारतवासियों का त्योहार है, उन्होंने कहा खासतौर से उत्तराखंड जैसे सीमांत राज्य के सीमांत इलाकों में तिरंगा अभियान का अलग ही महत्व देखने को मिलेगा, उन्होंने बताया उनकी यह कोशिश रहेगी कि वह खुद 14 और 15 अगस्त को प्रदेश के सीमांत गांव नीति-माणा में मौजूद रहे, वे हर साल आजादी के महोत्सव पर लगने वाले मेले में शामिल होंगे।
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