हरिद्वार:- आज साल का आखिरी पर्व स्नान है, यह कार्तिक पूर्णिमा का स्नान पर्व है, जिसके चलते हरिद्वार में गंगा स्नान करने के लिए आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। वहीं कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा स्नान करने का विशेष महत्व है, हरिद्वार के हरकी पैड़ी पर आज लाखों श्रद्धालुओं ने गंगा में पावन डुबकी लगाई।
वहीं धार्मिक दृष्टि से कार्तिक पूर्णिमा का काफी महत्व माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि कार्तिक मास में पड़ने वाले स्नान पर्व को देव दीपावली के रूप में मनाया जाता है क्योंकि इस दिन देवता धरती पर स्नान के लिए आते हैं।
हरिद्वार में आधी रात से ही श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला शुरू हो गया था। ब्रह़मुहुर्त से ही श्रद्धालुओं ने हरकी पैड़ी पहुंचकर स्नान करना शुरू कर दिया। भरी ठंड के बाद भी श्रद्धालुओं का उत्साह देखने को मिला है।
श्रद्धालुओं का मानना है कि आज के दिन गंगा में स्नान करने से पुण्य और मोक्ष की प्राप्ति होती है। कार्तिक पूर्णिमा स्नान के लिए हरिद्वार की पुलिस ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं। मेला क्षेत्र को 9 जोन और 33 सेक्टर में बांटकर पुलिस बल तैनात किया गया है। साथ ही ट्रैफिक को लेकर भी विशेष प्रबंध किए गए है।
ज्ञान गोदड़ी प्रकरण के दृष्टिगत प्रस्तावित स्थल भारत स्काउट एवं गाइड कार्यालय पर अलग से जोन बनाया गया है। जिसके मद्देनजर सिख समुदाय के लोगों से समन्वय स्थापित करने और नजर रखने के लिए सिख पुलिसकर्मियों को सादे कपड़ों में तैनात किया गया है।
यात्रियों के डूबने की घटनाओं पर रोकथाम के लिए मुख्य स्नान घाटों पर जल पुलिस जवान, गोताखोरों के साथ ही एक प्लाटून फ्लड कंपनी बोट के साथ तैनात है। साथ ही आतंकवादी घटनाओं की रोकथाम के लिए लगातार चेकिंग की जा रही है। आज साल का आखिरी पर्व स्नान कार्तिक पूर्णिमा और चंद्र ग्रहण एक साथ पड़ रहा है। अब 14 जनवरी 2023 जनवरी में मकर संक्रांति पर सबसे बड़ा स्नान होगा।
चंद्र ग्रहण की अवधि को छोड़कर बाकी पूरे दिन श्रद्धालु गंगा में डुबकी लगाकर पुण्य कमा सकते हैं। ग्रहण से नौ घंटे पूर्व सूतक लगने से पहले मंदिरों के कपाट श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिए गए हैं।
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