अपने आईएएस अफसरों की शानौ शौकत, रहन सहन और खान पीन के तो कई किस्से सुने होंगे,लेकिन आज हम आप बताएंगे उत्तराखंड के एक ऐसे आईएएस अफसर का किस्सा जो सरकारी गाड़ी की जगह दफ्तर जाने के लिए साइकिल का इस्तेमाल करते हैं, कहते है इंसान की पहचान उसके पैसे से नहीं सादगी से होती है।
हम बात कर रहे है अपनी सरलता सादगी और ईमानदारी के लिए जाने माने 2004 बैच के आईएएस अधिकारी बीवीआरसी पुरुषोत्तम इन दिनों वह अपने दफ्तर गाड़ी से नहीं साईकिल से जाते है जिस के किस्से सचिवालय में केंद्र का बिंदु बनी हुई हैं, यहा कहा जा सकता है कि पर्यावरण और स्वास्थ्य को लेकर विश्व साइकिलिंग दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संदेश का असल में अनुसरण उत्तराखंड राज्य के आईएएस बीवीआरसी पुरुषोत्तम ही कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी की बात से मिली प्रेरणा
आईएएस बीवीआरसी पुरुषोत्तम अपने साथ लैपटॉप बैग और पानी की बोतल लेकर चलते हैं, उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने 5 जून को लाइफ़स्टाइल फॉर द एनवायरंमेंट मूवमेंट की शुरुआत की, 7 जून से उन्होंने गाड़ी छोड़, साइकिल का हैंडल पकड़ लिया, उनका ये भी कहना है कि साइकिल से जाने की वजह से उन्हें सुबह का ऑफिस रश भी नहीं मिलता, IAS अधिकारी ने बताया कि साइकिल से पहुंचने में सिर्फ़ 5-7 मिनट ज्यादा समय लगता है। वहीं उत्तराखंड के गढ़ी-कैंट क्षेत्र में को-ओपरेटिव डेवलपमेंट प्रोजेक्ट ऑफिस में बतौर चीफ प्रोजेक्ट डायरेक्टर पोस्टेड हैं, IAS पुरषोत्तम रोज सुबह 9:30 बजे लगभग 8 किलोमीटर साइकिल चलाकर अपने दफ्तर पहुंचते हैं। 2012 में देहरादून के ज़िलाधिकारी और 2019 में गढ़वाल कमिश्नर रह चुके हैं।
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