आंगनवाड़ी कार्यकत्री को किसी प्रकार का अनावश्यक वित्तीय भार न उठाना पड़े, इस संबंध मंत्री रेखा आर्य ने अधिकारियों को प्रस्ताव बनाने के दिए निर्देश

कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य की अध्यक्षता में आंगनवाड़ी के समस्त पंजीकृत संगठनों द्वारा दिए गए ज्ञापन/प्रत्यावेदन, नन्दा गौरा महालक्ष्मी योजना, आंगनवाड़ियों के मानदेय वृद्धि, किराया भाड़ा एवं कैबिनेट में ले जाए जाने वाले प्रस्तावों के संबंध में विभागीय अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की गई।मंत्री ने कहा कि आंगनवाड़ी से संबंधित सामाग्री के आंगनवाड़ी केन्द्र तक ट्रान्सपोर्टेशन पर होने वाला खर्च आंगनवाड़ी कार्यकत्री बहनों द्वारा स्वंय वहन किया जाता है,  आंगनवाड़ी बहनों को किसी प्रकार का अनावश्यक वित्तीय भार न उठाना पड़े इस संबंध में उन्होंने अधिकारियों को प्रस्ताव बनाने के निर्देश दिये। मंत्री ने कहा कि किराये के भवनों में संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों का अवशेष किराया भाड़ा जल्द से जल्द आंगनवाड़ी कार्यकत्री बहनों को भुगतान किया जायेगा। आंगनवाड़ी केन्द्र हेतु सहायिकाओं की आयु सीमा की बाध्यता में छूट देने के प्रस्ताव पर मंत्री ने कहा कि विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया गया है।

 

मंत्री ने कहा कि आंगनवाड़ी कार्यकत्री, सहायिका तथा मिनी आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों की नियुक्ति हेतु नवीन शासनादेश बनाया जा रहा है जिसे जल्द ही कैबिनेट में रखा जायेगा। उन्होंने कहा कि हम आंगनवाड़ी बहनों को महालक्ष्मी किट से जोड़ने वाले है इस संबंध में अधिकारियों को प्रस्ताव बनाने के निर्देश दिये। मंत्री ने कहा कि जिस प्रकार तीन वर्ष से लेकर छः वर्ष तक के बच्चों को दूध, केला, अण्डा वितरित किया जाता है, उसी प्रकार हम छः माह से तीन वर्ष तक के बच्चों को बाल पलाश योजना और मुख्यमंत्री आंचल अमृत योजना से जोड़ने हेतु अधिकारियों को निर्देशित किया गया है।

मंत्री ने कहा आंगनवाड़ी कार्यकत्री बहनों को नन्दा गौरा योजना से जोड़ने के लिए शासन स्तर पर लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि नन्दा गौरा योजना में पारदर्शिता लाने की दिशा में जल्द ही विभाग द्वारा ऑनलाइन पोर्टल की शुरूआत की जायेगी। उन्होंने कहा कि नन्दा गौरा योजना के लाभार्थियों का अवशेष भुगतान डीबीटी के माध्यम से कर दिया जायेगा। मंत्री ने कहा कि सरकार द्वारा बच्चों की भिक्षावृति पर अंकुश लगाने का भरसक प्रयास किया जा रहा है जिसमें बच्चों की काउंसलिंग तथा उनको सेल्टर होम लाने का प्रयास पुलिस विभाग तथा बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा किया जाता रहा है। सेल्टर होम में बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य तथा पोषण का उचित प्रबंधन विभाग द्वारा किया जाता है।

मंत्री ने कहा कि आये दिन आंगनवाड़ी बहनों द्वारा मानदेय से संबंधित शिकायत की जाती रही है, इस संबंध में उन्होंने एसएमएस सिस्टम बनाये जाने पर जोर दिया जिससे आंगनवाड़ी कार्यकत्री बहनों को एक क्लिक पर मानदेय तथा अन्य विभागीय जानकारी प्राप्त होगी। बैठक में अपर सचिव, महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग बीके मिश्रा, उपनिदेशक, महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग डॉ0 एसके सिंह, राज्य परियोजना अधिकारी, डॉ अखिलेश, कार्यक्रम अधिकारी, विक्रम सिंह तथा अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

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