प्रतिवर्ष होने वाली उत्कृष्ट विधायक चयन की प्रक्रिया क्यों नहीं हो पा रही प्रारम्भ जानिए कारण ?

देहरादून: राज्य में वर्ष वर्ष 2014 के बाद से उत्कृष्ट विधायक का चयन नहीं हो पाया है जबकि प्रतिवर्ष एक उत्कृष्ट विधायक का चयन करने की परंपरा रही है, इसके लिए बाकायदा नियमावली बनी हुई है और उसी के तहत उकृष्ट विधायक पुरुस्कार चयन समिति बनती है जिसकी बैठक में उत्कृष्ट विधायक का नियमावली और मानकों के हिसाब से चयन किया जाता है। वर्ष 2017 में और अब 2022 में विधानसभा चुनाव होकर सरकार भी बदल गई यानि विधानसभा का गठन भी दूसरी बार हो चुका है लेकिन वर्ष 2014 के बाद से उत्कृष्ट विधायक का चयन नहीं हुआ है।

विधानसभा में वर्ष 2008 से प्रतिवर्ष उत्कृष्ट विधायक चुने की शुरुआत हुई थी। वर्ष 2015 में हुई उत्कृष्ट विधायक चयन समिति की बैठक वर्ष 2012, 13 एवं 14 के लिए उत्कृष्ट विधायकों का चयन नियमावली के अनुसार हुआ था। लेकिन उसके बाद से उत्कृष्ट विधायक चयन के लिए कमेटी गठन कर बैठक नहीं हो पाई है। वर्ष 2017 में बीजेपी सरकार बनने पर प्रेमचंद अग्रवाल स्पीकर बने थे, और इस वर्ष मार्च 2022 में बीजेपी की फिर से सरकार बनी और स्पीकर ऋतु खंडूरी भूषण बनी हैं। सूत्रों का कहना है वर्ष 2021 में प्रेमचंद अग्रवाल के स्पीकर रहते हुए उत्कृष्ट विधायक चयन प्रक्रिया शुरू करने की कुछ चर्चा तो हुई लेकिन बात आगे नहीं बढ़ पाई। अबतक वर्ष 2008 में प्रकाश पंत, 2009 में प्रीतम सिंह, 2010 में जोत सिंह गुनसोला, 2011 में अमृता रावत, 2012 में मदन कौशिक और वर्ष 2013 में डॉ. इंदिरा हृदयेश उत्कृष्ट विधायक चुने जा चुके हैं।

 

इस मामले को उठाते हुए नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा है कि जब प्रतिवर्ष उत्कृष्ट विधायक का चयन होने की परंपरा की शुरुआत हुई थी, तो ये प्रक्रिया चलती रहनी चाहिए क्योंकि इससे चयनित होने वाले उन विधायकों को तो अच्छा कार्य करते रहने का उत्साह तो बढ़ता ही है, साथ ही अन्य विधायकों को भी अपने-अपने क्षेत्र के मुद्दों को बेहतर और प्रभावशाली ढंग से सरकार के सामने रखकर उत्कृष्ट विधायक बनने की प्रेरणा मिलती है।

विधानसभा की वर्तमान स्पीकर ऋतु भूषण खंडूरी ने इस मामले में पूछे जाने पर कहा कि जल्दी ही संबंधित अफसरों से इस मामले में चर्चा करके उत्कृष्ट विधायक चयन की प्रक्रिया आगे बढ़ाई जाएगी। इतने वर्षों तक प्रक्रिया लंबित रहने पर उन्होंने आश्चर्य व्यक्त किया।

रायपुर सीट से बीजेपी विधायक उमेश शर्मा काऊ ने इस मामले में प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि एक विधायक के लिए जनता का दिया हुआ पुरुस्कार ही उत्कृष्टता की पहचान है, जनता ही फैसला करती है उत्कृष्ट विधायक का, मैं जनता के काम मे ज्यादा विश्वास करता हूँ। इनके अलावा धर्मपुर क्षेत्र से बीजेपी विधायक विनोद चमोली का कहना है कि उत्कृष्ट विधायक चयन समिति की वार्षिक तौर पर बैठक होकर विधायक का चयन होना चाहिए इससे अन्य विधायकों को भी प्रेरणा मिलती है। देवप्रयाग सीट से विधायक विनोद कंडारी का भी कहना है कि जब विधानसभा में उत्कृष्ट विधायक चयन की प्रक्रिया की व्यवस्था है तो फिर इतने वर्षों तक लंबित नहीं रहना चाहिए, उत्कृष्ट विधायक चुने जाने से दूसरों को भी प्रेरणा मिलती है।

 

 

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