भर्ती परीक्षाओं में गड़बड़ी को लेकर नेता प्रतिपक्ष ने सरकार पर साधा निशाना

देहरादून: नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने आरोप लगाया है कि , उत्तराखण्ड सरकार यदि समय रहते अपने संबैधानिक कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए कठोर नकल विरोधी कानून ले आती तो एक बार फिर राज्य के लाखों बेरोजगार युवाओं को परीक्षाओँ के स्थगित होने का दंश नही झेलना पड़ता। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि राज्य में पिछले कुछ महीनों में घटित नकल सहित कई घटनाओं ने सिद्ध कर दिया है कि, अनुभवहीन , अपरिपक्व और हमेशा अनिर्णय की स्थिति में रहने वाली ऐसी सरकार को अब सत्ता में रहने का अधिकार नहीं है। इसलिए सरकार को अबिलम्ब नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देना चाहिए।
एक बयान जारी कर नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि, प्रत्यक्ष घटनाएं सिद्ध करती हैं कि, ” राज्य में नकल सहित अन्य माफियाओं के मन से कानून का भय समाप्त हो गया है। पिछली बार नकल में पकड़े गए आरोपियों में से अधिकांश जमानत पर बाहर हैं। इन इन नकल माफियाओं पर गैंगेस्टर जैसी कठोर धाराएं भी देर में लगाई गई। लचर पैरवी के कारण ब्लू-टूथ से नकल कर रहे अभियुक्त न्यायालय से अपनी बहाली का निर्णय लेने में सफल रहे।”

नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य
नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य

नेता प्रतिपक्ष ने आरोप लगाया कि , 22 जुलाई को uksssc परीक्षा में गड़बड़ी पकड़ी गई थी। उस समय से अभी तक 6 महीने बीत गए हैं और विधानसभा का एक सत्र आहूत हुआ है। विपक्ष और बेरोजगार संगठनों ने राजस्थान के तर्ज पर कठोर नकल विरोधी कानून लाने की मांग की पर सरकार के कानों पर जूं नही रेंगी। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि, एक तरफ सरकार ने हाल का विधानसभा सत्र दो दिन में यह कहते हुए स्थगित कर दिया कि , सरकार के पास विधायी कार्य नही हैं दूसरी ओर नकल विरोधी कानून जैसे दर्जनों महत्वपूर्ण कानून बन कर पास होने की बाट जोह रहे हैँ।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि, प्रचंड बहुमत के बाद भी पिछले 7 महीनों में हुई आधे दर्जन से अधिक नकल की घटनाओं के होने या उनकी पुष्टि होने के बाद भी सरकार द्वारा नकल विरोधी कानून पास न कराना सिद्ध करता है कि , “सरकार राज्य के लोगों के प्रति अपने संबैधानिक दायित्यों का निर्वहन करने में असफल रही है। इसलिए उसे अब एक दिन भी सरकार में रहने का नैतिक अधिकार खो दिया है।”

उन्होंने कहा कि समय रहते कठोर नकल विरोधी कानून न लाने के नतीजे सामने हैं uksssc के बाद राज्य की लोक सेवा आयोग जैसी संबैधानिक संस्था के दामन पर भी दाग लग गए हैं। उन्होंने आशंका जताते हुए कहा कि, पटवारी परीक्षा के पेपर लीक का मुख्य आरोपी पिछले कई सालों से लोक सेवा आयोग के गोपनीय अनुभाग में कार्यरत है ।

इसलिए बेरोजगारों के आरोपों में पूरा दम है कि राज्य में कुछ सालों से पीसीएस जैसी शीर्ष परीक्षा भी नकल रहित नहीं हुई हैं। उन्हीने कहा कि अगर ये सच हुआ तो नकल माफिया का प्रवेश राज्य के हर विभाग में हो गया है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि , विशेष लोगों के हितों को साधने वाले कई कानूनों को अध्यादेशों के द्वारा लाने वाली इस प्रचंड बहुमत की सरकार के पास नकल विरोधी कानून को महामहिम राज्यपाल के अध्यादेश द्वारा भी लाने का विकल्प उपलब्ध था परंतु सरकार ने उस संबैधानिक उपाय का प्रयोग भी समय रहते नकल विरोधी कानून लाने के लिए नहीं किया। इससे सिद्ध होता है कि , अनुभवहीन लोगों द्वारा चलाई जा रही अनिर्णय की सरकार है।

 

लेखक के बारे में

Uttarakhand Jagran http://uttarakhandjagran.co.in

हम आपके आस-पास की खबरों और विचारों के लिए एक विश्वसनीय मार्गदर्शक के रूप में काम करेंगे। हम सकारात्मक प्रभाव पैदा करने के लिए देश और समाज से जुड़ी खबरें और सूचनाएं परोसेंगे। हमारी टीम डिजिटल मीडिया और सोशल मीडिया के माध्यम से ऑनलाइन प्रकाशन का काम करती है।

संपर्क - गोवर्धन प्रसाद मनोरी
मोबाइल नंबर - +91-9548276184

You May Also Like

More From Author

+ There are no comments

Add yours