लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर एक के बाद एक हादसे हो रहे हैं। कुछ महीने पहले दर्दनाक हादसे में चार डॉक्टर की मौत हुई, तो वहीं अब दिल्ली हाईकोर्ट के अधिवक्ता का पूरा परिवार खत्म हो गया। इस हादसे में भी वजह सामने ये आई कि अधिवक्ता की कार डिवाइडर से टकराई। उसके बाद डिवाइडर को पार करती हुई दूसरी लाइन में जा पहुंची और सामने से आ रहे ट्रक से टकरा गई। यदि एक्सप्रेस-वे पर क्रैश बैरियर होता, तो उनकी कार दूसरी लेन में नहीं जाती और शायद अधिवक्ता का पूरा परिवार बच जाता।
यहां हुआ हादसा
आगरा के फतेहाबाद में लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर सोमवार सुबह भीषण हादसा हुआ। दिल्ली के उत्तम नगर का रहेने वाले ओमप्रकाश आर्या दिल्ली हाईकोर्ट में अधिवक्ता थे। वे अपनी हुंडई कार से परिवार के साथ प्रयागराज कुंभ स्नान के लिए गए हुए थे। स्नान के बाद वे पत्नी पूर्णिमा सिंह उम्र 34 वर्ष, 12 वर्षीय बेटी अहाना और चार वर्ष के बेटा विनायक के साथ वापस दिल्ली जा रहे थे। उनकी कार आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे के 31 किमी पर पहुंची, तभी ये हादसा हो गया। बताया गया है कि कार अनियंत्रित होकर डिवाइडर से टकराई। इसके बाद कार दूसरी लाइन में चली गई और सामने से आ रहे ट्रक से भिड़ गई। टक्कर इतनी भीषण थी कि कार सवार पूरे परिवार की मौके पर ही मौत हो गई।
क्रैश बैरियर के लिए सुप्रीम कोर्ट में दायर है याचिका
वरिष्ठ अधिवक्ता केसी जैन ने बताया कि सड़क के मध्य में क्रैश बैरियर लगाने से वाहनों को विपरीत दिशा में जाने से रोका जा सकता है। यमुना एक्सप्रेस-वे पर ऐसे उपायों को लागू भी किया गया है। इसके लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका भी दायर की है।
यात्रा में जोखिम बढ़ाते हैं ये कुछ कारण
उन्होंने बताया कि चालकों की थकान सड़क दुर्घटनाओं का एक प्रमुख कारण है। हालांकि, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की ओर से चालक की नींद से संबंधित दुर्घटनाओं का डाटा नियमित रूप से एकत्र नहीं किया जाता है। इससे प्रभावी नीतियों का निर्माण बाधित होता है। रात में यात्रा करना, विशेषकर जब चालक थके हों, दुर्घटनाओं का जोखिम बढ़ाता है।
ऐसी दुर्घटनाओं की जांच अनिवार्य
उत्तर प्रदेश सड़क दुर्घटना जांच योजना 2023 के अनुसार, ऐसी दुर्घटनाओं की जांच अनिवार्य है, जिनमें तीन या अधिक व्यक्तियों की मृत्यु होती है। हालांकि, ऐसी जांचों की रिपोर्ट सार्वजनिक रूप से उपलब्ध नहीं है, जिससे योजना की प्रभावशीलता पर सवाल उठते हैं। उत्तर प्रदेश एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण का दायित्व है कि वह दुर्घटनाओं, मृत्यु दर, और घायल व्यक्तियों के आंकड़े प्रकाशित करे ताकि जन जागरूकता बढ़ाई जा सके।
इन मुद्दों का समाधान करना आवश्यक
वर्तमान में, ऐसे डाटा की उपलब्धता में कमी है, जो सड़क सुरक्षा में सुधार के प्रयासों को बाधित करती है। इन मुद्दों का समाधान करना आवश्यक है ताकि सड़क सुरक्षा में सुधार हो सके। भविष्य में ऐसी त्रासदियों को रोका जा सके।
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