उत्तराखंड में खुले में बिक रहे सभी मसालों की जांच होगी। जांच के बाद अगर कुछ गड़बड़ी सामने आई तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी। चारधाम यात्रा मार्गों पर भी खाद्य पदार्थों के साथ ही मसालों की सैंपलिंग की जाएगी। राज्य खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग ने इसकी शुरुआत कर दी है। कई देशों में एमडीएच, एवरेस्ट मसालों की गुणवत्ता जांच पर सवाल उठने पर देश में भी ब्रांडेड, नॉन ब्रांडेड मसालों की गुणवत्ता जांच शुरू हो गई है। इसके तहत ही बाजारों में खुले में बिक रहे मसालों की जांच शुरू कर दी गई है।
चारधाम यात्रा मार्गों पर सैंपलिंग के लिए मोबाइल वैन ऋषिकेश से रवाना कर दी गई। प्रदेश में तमाम स्वयं सहायता समूह ऐसे हैं जो अपने स्तर से मसाले पिसवाकर बाजार में बेच रहे हैं। तमाम ऐसी चक्कियां भी हैं, जहां मसाले पीसकर बाजार में बेचे जाते हैं। इन पर भी नजर रखी जाएगी। राज्य औषधि विश्लेषण प्रयोगशाला रुद्रपुर में ही मसालों की भी जांच होगी। चूंकि प्रदेश में एकमात्र लैब है, जहां सभी तरह के खाद्य पदार्थों के सैंपल जांच को भेजे जाते हैं। इसलिए मसालों की जांच में थोड़ा समय लग सकता है। जांच रिपोर्ट आने तक मसालों की बिक्री रोकना मुश्किल है।
प्रदेश में ब्रांडेड, नॉन ब्रांडेड के अलावा खुले में बिक रहे सभी मसालों की सैंपलिंग की जाएगी। इसके लिए निर्देश दिए जा चुके हैं। कुछ जगहों पर सैंपलिंग शुरू की जा चुकी है। – आर राजेश कुमार, आयुक्त, राज्य खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग
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