भाजपा के कद्दावर नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री सतीश महाना का निर्विरोध विधानसभा अध्यक्ष चुना जाना तय हो गया है। इसकी औपचारिक घोषणा मंगलवार को लखनऊ में होगी। महाना विधानसभा अध्यक्ष की आसंदी संभालने वाले कानपुर के दूसरे नेता होंगे। इससे पहले वर्ष 1990-91 में मुलायम सिंह यादव की सरकार में कानपुर के हरिकिशन श्रीवास्तव विधानसभा अध्यक्ष रहे। महाना के विधानसभा अध्यक्ष बनने से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की दूसरी पारी में खाली हाथ कानपुर की झोली में भी एक अहम पद आ जाएगा। सतीश महाना लगातार आठवीं बार विधायक चुने गए हैं। भाजपा की पिछली कई सरकारों में वह मंत्री की भूमिका में रहे हैं। इस बार वह बिल्कुल अलग भूमिका में नजर आएंगे। योगी की पहली सरकार में पड़ोसी जनपद उन्नावस हृदयनारायण दीक्षित विधानसभा अध्यक्ष रहे। इस बार यह गौरव कानपुर को मिला है।
विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद कहा जा रहा था कि इस बार महाना को कोई बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है। हालांकि, उनके विधानसभा अध्यक्ष चुने जाने की कोई चर्चा नहीं रही। बताया जा रहा है कि साफसुथरी छवि और सबको साथ लेकर चलने की योग्यता को देखते हुए उन्हें सदन का नेतृत्व सौंपा गया है।
चौबेपुर से तीन बार विधायक रहे हरिकिशन
महानगर से विधानसभा अध्यक्ष के रूप में महानगर से पहली जिम्मेदारी हरकिशन श्रीवास्तव को मिली थी। मुलायम सिंह यादव की सरकार में उन्हें अध्यक्ष की भूमिका निभाने का मौका मिला था। वह चौबेपुर क्षेत्र से तीन बार विधायक रहे। बसपा और फिर सपा के साथ अपनी सियासी पारी के दौरान वह अपनी दमदार छवि के लिए जाने गए। वह एक बार प्रदेश सरकार में मंत्री भी बने थे।
समर्थकों ने आतिशबाजी कर मनाई खुशी
महाना के निर्विरोध विधानसभा अध्यक्ष चुने जाने का रास्ता साफ होने पर उनके लाल बंगला स्थित कैंप कार्यालय में समर्थकों और भाजपा कार्यकर्ताओं ने आतिशबाजी कर खुशी मनाई गई। इस दौरान मिठाइयां भी बांटी गईं। यहां राकेश तिवारी, वीडी राय, सुरेश अवस्थी, लाल त्रिवेदी, श्रीकांत मिश्रा, सुरेंद्र सिंह, सौरभ तिवारी, भुवनेश बाजपेई, शत्रुघ्न सिंह, सुमित वधावन, जीतू विश्वकर्मा आदि मौजूद रहे।
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