भारत का पहला बहुराष्ट्रीय हवाई अभ्यास ‘तरंग शक्ति 2024’ मंगलवार से तमिलनाडु के सुलूर में शुरू हो गया। इस अभ्यास में 30 देश हिस्सा ले रहे हैं। ऑस्ट्रेलिया, बांग्लादेश, फ्रांस, जर्मनी, ग्रीस, स्पेन, संयुक्त अरब अमीरात, ब्रिटेन, अमेरिका और सिंगापुर सहित 10 देश अपने लड़ाकू विमानों के साथ अभ्यास में शामिल होंगे। पहले दिन जर्मन वायु सेना ए-400 एम विमान ने ‘तरंग शक्ति’ में भाग लिया। जर्मन वायुसेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल इंगो गेरहार्ट्ज ने कहा, मैंने उड़ान भरी और यह शानदार रहा। दो चरणों में आयोजित होने वाले इस अभ्यास का उद्देश्य भारत की रक्षा क्षमता का प्रदर्शन करना और भाग लेने वाली सेनाओं को एक-दूसरे के साथ काम करने का मंच प्रदान करना है। पहला चरण आज शुरू हुआ जो 14 अगस्त तक चलेगा। आयोजन तमिलनाडु के सुलूर में किया जा रहा है। दूसरा चरण 29 अगस्त से 14 सितंबर तक राजस्थान के जोधपुर में होगा। 18 देश पर्यवेक्षक के रूप में शामिल होंगे।
भारत में जर्मन राजदूत डॉ. फिलिप एकरमैन ने कहा कि वह भारतीय वायु सेना के साथ ‘टच द स्काई विद ग्लोरी’ के अभ्यास में शामिल होकर बहुत खुश हैं। यह पहली बार है जब जर्मन वायु सेना भारत में भारतीय वायु सेना के साथ उड़ान भर रही है। हमारे लिए यह पहला है, लेकिन आखिरी नहीं है और हम भविष्य में भी अभ्यास करेंगे। अक्टूबर में हमारा एक युद्धकपोत गोवा आ रहा है। यह क्षेत्र में हमारी बढ़ती भागीदारी और भारत गणराज्य के साथ हमारी बढ़ती सामरिक सैन्य साझेदारी को दर्शाता है और हमें इस पर गर्व है।
इस अभ्यास में भारत अपने स्वदेशी लड़ाकू विमानों और उपकरणों का प्रदर्शन करेगा। भारत के तेजस, राफेल, मिराज 2000, जगुआर, मिग 29 विमान, और अन्य लड़ाकू विमान अभ्यास में भाग लेंगे। अभ्यास के दौरान उड़ान और जमीनी प्रशिक्षण, रक्षा प्रदर्शनी और सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे। भाग लेने वाले देशों के रक्षा कर्मी भारत की तकनीकी कंपनियों का भी दौरा करेंगे।
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