देहरादून: उत्तराखंड वन विभाग में एक एपीसीसीएफ व एसीसीएफ सहित सात आईएफएस के तबादले कर दिए गए हैं। अपर प्रमुख वन संरक्षक एसएस सुबुद्धि को वन विकास निगम का प्रभारी प्रबंध निदेशक बनाया गया है। वहीं, चकराता वन प्रभाग के तहत कनासर रेंज में अवैध रूप से काटे गए पेड़ों के मामले में डीएफओ उप वन संरक्षक कल्याणी को प्रभाग से हटाते हुए वन मुख्यालय अटैच किया गया है। इस संबंध शुक्रवार देर शाम शासन स्तर पर आदेश जारी किए गए हैं। वन विकास निगम में 31 अगस्त को केएम राव प्रबंध निदेशक पद से रिटायर हुए हैं। इसके बाद खाली हुई कुर्सी वरिष्ठ आईएफएस एसएस सुबुद्धि को सौंपी गई है। वे राज्य पर्यावरण संरक्षण एवं जलवायु परिवर्तन निदेशक के पद पर भी रहेंगे।
इधर, अवैध कटान मामले में आखिरकार डीएफओ चकराता कल्याणी को भी हटाकर मुख्यालय अटैच किया गया है। उनकी जगह डीएफओ अपर यमुना डिवीजन बड़कोट मयंक शेखर झा को चकराता का डीएफओ बनाया गया है।
विभागीय सूत्रों के मुताबिक चकराता में वन संरक्षक यमुना वृत्त डॉ. विनय भार्गव की रिपोर्ट में हरे पेड़ों का व्यापक अवैध कटान मिला था। इसके अलावा माफिया तंत्र व वन कर्मचारियों की मिलीभगत सामने आई। इसके बाद अधिकारियों की भूमिका को लेकर सवाल उठ रहे थे। अमर उजाला ने भी इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाते हुए वन विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए थे। इसी के आधार पर सरकार ने जीरो टॉलरेंस अपनाते हुए डीएफओ कल्याणी का हटा दिया।
वहीं सीसीएफ निशांत वर्मा से भी नंदादेवी बायोस्फियर रिजर्व निदेशक का चार्ज वापस लेते हुए सीसीएफ मानव संसाधन, सीसीएफ वन्यजीव संरक्षण का चार्ज दिया गया है। वन संरक्षक धर्म सिंह मीणा से वन एवं पर्यावरण का दायित्व हटाते हुए वन संरक्षक भागीरथी वृत्त मुनि की रेती और निदेशक नंदा देवी बायोस्फियर रिजर्व का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। इसके अलावा राजाजी पार्क में उप निदेशक कहकशां नसीम को भी अपर सचिव वन बनाया गया है। वहीं उप वन संरक्षक डॉ. अभिलाषा को डीएफओ अपर यमुना डिवीजन बड़कोट का चार्ज दिया गया है।
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