देहरादून:- आज परिवहन मंत्री चन्दन रामदास की अध्यक्षता में चारधाम यात्रा-2023 की बैठक कार्यालय परिवहन आयुक्त, उत्तराखण्ड में सम्पन्न हुई। बैठक में अरविन्द सिंह ह्याँकी सचिव परिवहन विभाग, उत्तराखण्ड शासन द्वारा वर्ष 2023 में होने वाली चारधाम यात्रा को निर्बाध एवं सुगम बनाये जाने हेतु विभाग द्वारा किये जा रहे कार्यों से अवगत कराया गया। चारधाम यात्रा में नियमित व सुगम परिवहन सेवा उपलब्ध कराने हेतु संयुक्त रोटेसन यात्रा व्यवस्था समिति का गठन करते हुए, संयुक्त रोटेसन के अन्तर्गत 1584 बसें संचालित (1069 स्टेज कैरिज तथा 515 कान्ट्रैक्ट कैरिज), रोस्टर व्यवस्था से बाहर संचालित 3200 अतिरिक्त बसें (1300 बसें उत्तराखण्ड तथा 1900 बसें अन्य राज्य), यात्रा में परिवहन निगम की 100 बसें संचालित किये जाने के साथ ही यात्रियों की संख्या में अत्यधिक बढ़ोत्तरी होने पर कुमाऊं मण्डल की 100 बसों की व्यवस्था की जायेगी।
बैठक में अवगत कराया गया कि गत वर्श चारधाम यात्रा में परिवहन विभाग की ओर से जो भी कठिनाईयां हुई थी, उन सभी का निराकरण इस व कर लिया गया है और यह प्रयास किया जा रहा है कि चारधाम यात्रा पा आने वाले तीर्थ यात्रियों को किसी भी प्रकार की कठिनाई न हो। इस हेतु जारी किये जाने वाले ग्रीन कार्ड एवं ट्पिकार्ड को ऑनलाईन करने के साथ-साथ टिप कार्ड को संषोधित करने अथवा निरस्त करने की सुविधा भी उपलब्ध करायी गयी है। इसके अतिरिक्त वाहनों को चैकपोस्टों पर रूक कर इन्तजार न करना पड़े इसके लिए चैकपोस्टों पर इन्टरनेट/टेबलेट उपलब्ध कराये जा रहे हैं, जिन्हें ग्रीन कार्ड सॉफ्टवेयर से जोड़ा जा रहा है। विभाग द्वारा यात्रियों की सुविधा हेतु ग्रीन कार्ड मोबाईल एप भी विकसित किया जा रहा है, ताकि कोई भी यात्री कभी भी कहीं से भी अपना टिप कार्ड बनावा सके। उक्त मोबाईल एप को षीघ्र ही लॉच किया जायेगा। विभिन्न बस/टैक्सी-मैक्सी, के0एम0ओ0यू0 आदि यूनियनों के पदाधिकारियों द्वारा चारधाम 2023 हेतु तैयारियों एवं वर्तमान में यात्रा मार्गों में आ रही समस्याओं से भी अवगत कराया गया।
बैठक में विस्तृत विचार-विमर्श के उपरान्त परिवहन मंत्री द्वारा उपस्थित अधिकारियों को निम्नलिखित निर्देश दिये गयेः-
- चारधाम यात्रा मात्र परिवहन विभाग ही नहीं अपितु पर्यटन विभाग, स्वास्थ्य, पुलिस सभी विभागों से सम्बन्धित है। चूंकि यात्रा हेतु सड़क मार्ग ही एक मात्र साधन है अतः यात्रा का संचालन सभी परिवहन कम्पनियों और परिवहन व्यवसायियों के सहयोग से ही संभव है और वाहन स्वामियों के सहयोग के बिना चारधाम यात्रा को सुगम और सरल नहीं बनाया जा सकता है।
- इस बार हमारा ध्येय चारधाम यात्रा को पुराने अनुभवों से सीख कर कुछ और बेहतर करने का है। पिछली कमियों को दूर करते हुए, इस बार नई और बेहतर सुविधायें यात्रियों को उपलब्ध कराना हमारा ध्येय है।
- पहले यात्रा में केवल बुजुर्ग लोग ही यात्रा करते थे, परन्तु आज युवा वर्ग एवं छोटे बच्चे भी यात्रा में आ रहे हैं, इस प्रकार अब यात्रा का स्वरूप बदला है। सरकार का मुख्य ध्येय यह है कि कोई भी यात्री बिना दर्षन के न जाये। अतः सभी को मिलकर ऐसे सार्थक प्रयास करने होगे ताकि तीर्थ यात्रा पर आने वाले सभी यात्री एक सुखद अनुभव लेकर वापस जाये और उत्तराखण्ड की अतिथि देवो भवो की पहचान उनके हृदय में बनी रहे।
- इस वर्ष सरकार द्वारा चालको/परिचालकों के कल्याण के लिए चालक कल्याण योजना भी बनायी जा रही है, जिसके अन्तर्गत सरकार द्वारा प्रथम चरण में रूपये 50.00 लाख की धनराशि रखी गयी है। इस योजना के अन्तर्गत चालकों/परिचालकों को प्रशिक्षण, चालकों के लिए धामों में एवं मार्ग पर विश्राम स्थलों की व्यवस्था, उनके लिए भोजन पानी आदि की व्यवस्था एवं यात्रा पर जाने से पूर्व उनके स्वास्थ्य परीक्षण की व्यवस्था की जायेगी, ताकि वे मानसिक रूप से यात्रा हेतु तैयार रहे।
- विभागीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा आने वाले तीर्थ यात्रियों को सुरक्षित यात्रा उपलब्ध कराने की दृष्टि से सड़क-सुरक्षा पर विषेश ध्यान दिया जाये। सभी सड़क निर्माण विभागों द्वारा यात्रा मार्गों पर क्रैष बैरियर, ब्लैक स्पॉट सुधारीकरण, गढ़डा मुक्त सड़क आदि की कार्यवाही की जाये।
- ग्रीन कार्ड का मुख्य उद्देष्य यह है कि चालक परिचालक का पूरी यात्रा के दौरान किसी प्रकार की कोई कठिनाई न हो इस हेतु चालक लाईसेंस, बीमा, टैक्स इत्यादि की जानकारी एक ही दस्तावेज में हो जिससे यात्रियों को अनावष्यक प्रतीक्षा न करनी पड़े।
- इस वर्श चारधाम में यात्रियों की संख्या में वृद्धि होने की संभावना है। साथ ही वीकेण्ड पर ऋशिकेष/हरिद्वार में जाम की स्थिति पैदा हो जाती है, उसके लिए भी नये ट्रैफिक प्लान की व्यवस्था कर दी गयी। यात्रा मार्ग पर अत्यधिक जाम की रोकथाम हेतु वैकल्पिक ट्रैफिक प्लान लागू किया जाये।
- परिवहन निगम यह सुनिष्चित कर लें कि मुख्य मार्गों से बसें हटाकर यात्रा मार्गों पर न लगायी जाये, अपितु ऐसी व्यवस्था की जाये कि यात्रा के साथ-साथ यात्रियों को भी बसें उपलब्ध हो और इस हेतु उनके द्वारा पहले से ही बसों की सुनिष्चित व्यवस्था की जाये।
इस अवसर पर परिवहन मंत्री द्वारा परिवहन विभाग में नव सृजित मोटरसाईकिल दल/बाईक स्क्वॉड को झंडी दिखाकर रवाना किया गया। उक्त बाईक स्क्वॉड को राज्य के अधिक दुर्घटना वाले जनपदों में तैनात किया गया है और इनके द्वारा सड़क सुरक्षा से सम्बन्धित अभियोगों में प्रवर्तन की कार्यवाही की जायेगी। इस अवसर पर एच0डी0एफ0सी0 बैंक के सहयोग से बाईक स्क्वाड को परिवहन मंत्री द्वारा पी0ओ0एस0/ई-चालान मशीनों का वितरण भी किया गया। परिवहन मंत्री द्वारा बाईक दल रवाना करते हुए कहा गया कि उक्त दलों का कार्य केवल चालान करना ही नहीं है, अपितु यात्रा अवधि के दौरान मुख्य रूप से यात्रियों को सजग करना होगा। उनके द्वारा अनावष्यक बाधा उत्पन्न करने वालों के विरूद्ध कार्यवाही करते हुए, यात्रियों को पर्यावरण हेतु भी सजग किया जाये।
बैठक में अरविन्द सिंह ह्यांकी, सचिव/परिवहन आयुक्त, रोहित मीणा, प्रबन्ध निदेशक, उत्तराखण्ड परिवहन निगम, सनत कुमार सिंह, संयुक्त परिवहन आयुक्त, सुधांशु गर्ग, उप परिवहन आयुक्त, राजीव कुमार मेहरा, उप परिवहन आयुक्त, दिनेश चन्द्र पठोई, उप परिवहन आयुक्त, डॉ0 अनीता चमोला, सहायक परिवहन आयुक्त, समस्त संभागीय एवं सहायक संभागीय परिवहन अधिकारियों के अतिरिक्त संजय शास्त्री , अध्यक्ष संयुक्त रोटेशन, ऋषिकेश, मनोज ध्यानी, अध्यक्ष यातायात संघ, अनिल बर्गली, बलबीर सिंह नेगी, विजेन्द्र सिंह कण्डारी, जितेन्द्र सिंह नेगी, सुरेश सिंह ढैला एवं राकेश गोयल के अतिरिक्त विभिन्न बस, टैक्सी, स्टेज कैरिज, काॅन्ट्रेक्ट कैरेज एसोसियेशन के पदाधिकारियों द्वारा भाग लिया गया।
+ There are no comments
Add yours