उत्तराखंड: यूपीएससी का पैटर्न हूबहू होगा तो अभ्यर्थियों के लिए अंग्रेजी अनिवार्य हो जाएगी। पर्वतीय क्षेत्रों के युवाओं के लिए यह मुश्किलें बढ़ाने वाला हो सकता है। उत्तराखंड में संघ लोक सेवा आयोग (यूकेपीएससी) का सिविल सेवा पैटर्न लागू होने के बाद पीसीएस मुख्य परीक्षा में कई बड़े बदलाव हो जाएंगे। एक ओर जहां उम्मीदवारों को सात के बजाए नौ पेपर देने होंगे तो दूसरी ओर उन्हें एक पसंदीदा विषय चुनने की आजादी भी मिलेगी।
पीएससी का पैटर्न हूबहू लागू हुआ तो अंग्रेजी की अनिवार्यता हो जाएगी। यूपीएससी ने सिविल सेवा प्री परीक्षा में सी-सैट के पेपर को क्वालिफाइंग कर दिया था, जो कि राज्य की पीसीएस परीक्षा में भी पिछले साल से ही क्वालिफाइंग कर दिया गया था। यानी इन पेपरों में केवल पासिंग मार्क्स लाने होंगे। मुख्य परीक्षा में भी दो पेपर क्वालिफाइंग होंगे, जिनके अंक मेरिट में नहीं जुड़ेंगे। अभी तक राज्य के पैटर्न के हिसाब से जो सात पेपर होते थे, उन सभी के अंक मेरिट में जुड़ते थे लेकिन नए पैटर्न में नौ पेपर होंगे, जिनमें से सात के अंक ही मेरिट में जोड़े जाएंगे।
परीक्षा विशेषज्ञ प्रयाग आईएएस एकेडमी के निदेशक आरए खान का कहना है कि आयोग अगर अंग्रेजी की जगह हिंदी करे और दूसरे किसी स्थानीय भाषा के पेपर को शामिल करे तो यहां के युवाओं के लिए बेहतर हो सकता है। हालांकि उन्होंने कहा कि निश्चित तौर पर सिविल सेवा परीक्षा पैटर्न लागू करने से युवाओं को दो अलग परीक्षाओं की अलग तैयारी करने से मुक्ति मिलेगी। उन्हें अपने पसंदीदा विषय में भी परीक्षा देने का विकल्प मिलेगा।
अभी तक यह था उत्तराखंड पीसीएस-मुख्य परीक्षा का पैटर्न
पेपर- अंक
भाषा- 300
इतिहास- 200
संविधान- 200
भूगोल- 200
अर्थशास्त्र- 200 अंक
विज्ञान- 200 अंक
इथिक्स व एप्टीट्यूड- 200
कुल अंक- 1500
सिविल सेवा के हिसाब से यह हो जाएगा उत्तराखंड पीसीएस मुख्य परीक्षा का पैटर्न
पेपर- अंक
भारतीय भाषा- 300(क्वालिफाइंग)
अंग्रेजी भाषा- 300(क्वालिफाइंग)
निबंध- 250
सामान्य अध्ययन-1- 250
सामान्य अध्ययन-2 – 250
सामान्य अध्ययन-3 – 250
सामान्य अध्ययन-4 – 250
वैकल्पिक विषय पेपर-1 – 250
वैकल्पिक विषय पेपर-2 – 250
कुल अंक- 1750
इंटरव्यू- 275 अंक
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