बीती शाम को उपमहानिरीक्षक/ निदेशक यातायात उत्तराखंड मुख्तार मोहसिन ने राज्य के चार बड़े जनपदों देहरादून, हरिद्वार, ऊधमसिंहनगर एवं नैनीताल की यातायात व्यवस्था एवं सड़क सुरक्षा के सम्बन्ध में समीक्षा बैठक वीडियो कान्फ्रेंसिग के माध्यम से आयोजित की गई। उक्त गोष्ठी में जनपदों में यातायात व्यवस्था के अन्तर्गत प्रवर्तन की कार्यवाही, ई-चालान द्वारा की गई कार्यवाही , टोईंग की कार्यवाही, घटित दुर्घटनाओं के कारण, दुर्घटना के बाद उठाये गये कदम एवं भविष्य में दुर्घटना मुक्त यातायात के उपायों पर चर्चा की गई।
गोष्ठी में निम्नलिखित दिशा निर्देश दिये गयेः-
- राज्य में सड़क दुर्घटनाओं में अक्सर देखा गया है कि दुर्घटनाओं में दुपहिया वाहन पर बिना हेलमेट होने से मृतकों की संख्या में अत्यधिक वृध्दि की सम्भावना बढ़ जाती है। वर्ष 2022 में माह जनवरी से जुलाई तक दुपहिया वाहन पर 159 सड़क दुर्घटनाएं हुई है जिसमें 66 लोगों की मृत्यु हुई है और 115 लोग घायल हुए है। दुपहिया वाहन पर चलने वाले लोगों को हेलमेट पहनने के लिए चालान के अतिरिक्त जागरुक किये जाने की आवश्यकता है। प्रत्येक जनपद में निर्धारित स्थलों पर Helmet Zone के बोर्ड लगाये और आम नागरिकों को हेलमेट पहनने के लिए प्रेरित करने के लिए सोशल मीडिया एवं मीडिया के माध्यम से बेहतर तरीके प्रचार-प्रसार किया जाए।
- प्रमुख स्कूलों के बाहर ट्रैफिक व्यवस्था को बहुत गंभीरता से लें क्योंकि ट्रैफिक अव्यवस्था के कारण स्कूल परिसर के आसपास स्कूल खुलते समय एवं बन्द होते समय ट्रैफिक जाम की स्थिति बन जाती है। इस स्थिति को ध्यान में रखते हुए समस्त जनपदों में प्रमुख स्कूलों के बाहर ट्रैफिक जाम को कम करने एवं आसपास के लोगों के लिए सहज स्थिति उत्पन्न करने के लिए एक विस्तृत कार्ययोजना (Micro-Planning) को तैयार करें और इसमें अतिरिक्त मदद के लिए ट्रैफिक वालिटिंयर का भी सहयोग प्राप्त करें तथा स्कूल प्रशासन से वार्ता कर स्कूल के बाहर यातायात संचालन में स्कूल के सीनीयर Student को “Traffic Moniter” का कार्य लिया जाए। इस हेतु स्कूल से समन्वय एवं छात्रों के प्रशिक्षण की व्यवस्था पूर्व में कर ली जाए।
- सड़क दुर्घटनाओं के मूल्यांकन में एक अहम बिन्दु प्रकाश में आया है कि नेश्नल हाईवे में कम गति वाले वाहन जैसें ऑटो, विक्रम एवं ई-रिक्शा आदि चल रहें है जबकि नेशनल हाईवे के डिजायन के कारण वाहनों की रफ्तार अधिक निर्धारित है। कम गति वाले वाहनों के आवागमन से एक तो दुर्घटना की संभावना बढ़ जाती है दूसरा चौराहें एवं तिराहों पर जाम की स्थिति उत्पन्न होती है। इस स्थिति के निदान हेतु पुनः सभी वाहनों के लिए रुट निर्धारित किये जाए और इसकों बेहतर तरीके से इसका क्रियान्वयन किया जाए।
- उत्तराखण्ड पुलिस द्वारा अपने सभी एप को एक ही एप में इंट्रीगेड किया गया है जिसका नाम है “Uttarakhand Police App” इस एप में उत्तराखण्ड ट्रैफिक आईज एप को भी इंट्रीगेड किया गया है। सभी जनपद आम नागरिकों को बताये कि जैसे आपके द्वारा पूर्व में यातायात नियमों का उल्लघंन करने वालों का चालान उत्तराखण्ड ट्रैफिक आईज एप के माध्यम से कराया जा रहा है था, वैसे ही आप अब उत्तराखण्ड पुलिस एप में भी कर सकते है। इसमें केवल आपकों उत्तराखण्ड पुलिस एप में जाकर ट्रैफिक आईज का विकल्प मिलेगा जिसकी मदद से आप किसी भी यातायात नियमों के उल्लघंन करने वाले व्यक्ति का चालान करवा सकते है। इस सम्बन्ध में सभी जनपदों को इसके व्यापक स्तर से प्रचार- प्रसार हेतु निर्देश दिये गये।
- प्रायः यह देखने में आ रहा है कि पहाड़ी मार्गों पर वाहनों के पिकअप टूटने के कारण दुर्घटना हो रही है जिसका मुख्य कारण ओवरलोडिंग है इसके लिये ओवरलोडिंग वाहनों के विरूद्व प्रभावी कार्यवाही करेंगे।
+ There are no comments
Add yours