उत्तराखण्ड

कैशलेस और मुफ्त इलाज के लिए सरकार को चाहिए ज्यादा बजट, स्वास्थ्य क्षेत्र की बढ़ी मांग

आयुष्मान व गोल्डन कार्ड धारकों के मुफ्त और कैशलेस इलाज के साथ स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए ज्यादा बजट की दरकार है। गोल्डन व आयुष्मान कार्ड धारकों के इलाज पर हर साल इलाज का खर्च बढ़ रहा है। बजट के अभाव में अस्पतालों की देनदारी बढ़ रही है। जिस कारण कई बड़े अस्पताल इलाज की सुविधा देने से हाथ खड़े करने लगे हैं।

चालू वित्तीय वर्ष प्रदेश सरकार ने आयुष्मान योजना के बजट में 25 प्रतिशत बढ़ोतरी कर 500 करोड़ का प्रावधान किया है। लेकिन मुफ्त इलाज पर खर्च 600 करोड़ पहुंच गया। आयुष्मान कार्ड पर प्रदेश के हर नागरिक को पांच लाख तक मुफ्त इलाज की सुविधा है।

इसके अलावा आयुष्मान योजना में ही राज्य सरकार स्वास्थ्य योजना (एसजीएचएस) कर्मचारियों व पेंशनरों को गोल्डन कार्ड पर कैशलेस इलाज की सुविधा है। जिसमें इलाज पर खर्च होने वाली राशि कोई सीमा नहीं है। इसके लिए कर्मचारियों व पेंशनरों से अंशदान लिया जाता है। लेकिन इसमें इलाज का खर्च प्राप्त अंशदान से दोगुना हो गया है।

अंशदान से मिल रहे 120 करोड़, इलाज का खर्च 200 करोड़ से ज्यादा

प्रदेश सरकार ने 2021 में कर्मचारियों व पेंशनरों के लिए गोल्डन कार्ड पर कैशलेस इलाज की सुविधा शुरू की है। जो अंशदान पर आधारित योजना है। कर्मचारियों व पेंशनरों से हर माह अंशदान के रूप में 120 करोड़ रुपये प्राप्त हो रहे हैं। इससे अस्पतालों को भुगतान किया जाता है। लेकिन अंशदान की तुलना में खर्च 200 करोड़ से अधिक हो रहा है। गोल्डन कार्ड योजना में सरकार की तरफ से बजट नहीं दिया जाता है। इलाज का खर्च बढ़ने से देनदारी भी 100 करोड़ पहुंचने वाली है।

नये मेडिकल कॉलेजों के निर्माण को भी चाहिए बजट

केंद्र सरकार की एक जिला एक मेडिकल कॉलेज योजना के तहत प्रदेश में रुद्रपुर व पिथौरागढ़ में मेडिकल कॉलेज का निर्माण कार्य चल रहा है। 90:10 के हिस्सेदारी के रूप में मेडिकल कॉलेजों के लिए 325 करोड़ केंद्र सरकार की ओर से दिया जा रहा है। जबकि निर्माण लागत की शेष राशि प्रदेश सरकार को देना है। इसके अलावा प्रदेश में कई स्वास्थ्य केंद्रों का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, उप जिला चिकित्सालय में उच्चीकरण किया जा रहा है। इसके बुनियादी ढांचे, चिकित्सा उपकरण के लिए बजट की दरकार है।

निशुल्क जांच व दवाइयां

प्रदेश सरकार की ओर से सरकारी अस्पतालों में 270 तरह की पैथोलॉजी निशुल्क की जा रही है। अब तक 24 लाख मरीजों की निशुल्क जांच की गई। इसके अलावा अस्पतालों में दवाइयां भी मुफ्त दी जा रही है।

प्रदेश में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं व अवस्थापना विकास कार्यों के लिए वित्तीय वर्ष 2025-26 में बजट बढ़ाने का प्रस्ताव भेजा गया है। चालू वित्तीय वर्ष में भी प्रदेश सरकार ने स्वास्थ्य क्षेत्र का बजट बढ़ाया था। उम्मीद है कि इस बार भी स्वास्थ्य के लिए बजट में बढ़ोतरी होगी। –डॉ. आर. राजेश कुमार, सचिव स्वास्थ्य

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